सत्य के अलाव में सौंदर्य की अनुभूति
उष्मामयी जीवन का प्यारा अभिनंदन है
बसंत पंचमी में लग रही नव वासंती हो
चिहुंक उठा मन वेलेंटाइन का जो क्रंदन है
ऋतु बसंत में सुगंधमय परिवेश उन्मुक्त
बावरे चमन में कली,भ्रमर लगे सघन हैं
प्रीति का व्यापारिकरण कर रहा वेलेंटाइन
वासंती रूनझुन में खोया मन मगन है
बदल रहा मौसम संग बदल रही अमराई
बहक रहे बादल संग मुखर यह जीवन है
सृष्टि के बहाव संग ढल रही भावनाएं
महक-महक रोम उठा सज उठा गगन है
नयन भर प्यार मेरा छलक-छलक बुलाए
रूप को निहार लूं प्रीत का जगवंदन है
आ गया बसंत अब आ भी तो जाईए
पुष्प रंध्र मार्ग है आह बनी चंदन है।
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
उष्मामयी जीवन का प्यारा अभिनंदन है
बसंत पंचमी में लग रही नव वासंती हो
चिहुंक उठा मन वेलेंटाइन का जो क्रंदन है
ऋतु बसंत में सुगंधमय परिवेश उन्मुक्त
बावरे चमन में कली,भ्रमर लगे सघन हैं
प्रीति का व्यापारिकरण कर रहा वेलेंटाइन
वासंती रूनझुन में खोया मन मगन है
बदल रहा मौसम संग बदल रही अमराई
बहक रहे बादल संग मुखर यह जीवन है
सृष्टि के बहाव संग ढल रही भावनाएं
महक-महक रोम उठा सज उठा गगन है
नयन भर प्यार मेरा छलक-छलक बुलाए
रूप को निहार लूं प्रीत का जगवंदन है
आ गया बसंत अब आ भी तो जाईए
पुष्प रंध्र मार्ग है आह बनी चंदन है।
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.