तन्मय तृषित तत्व अभिलाषी
रोम-रोम पैठ करे तलाशी
सर्वस्व का सब जान लेना
सतत, निरंतर मन है प्रयासी
आंगन में अंकों की तालिका
घर में कर्मठता के प्रवासी
पट घर के सब चिपके अकुलाए
आंगन आशाओं में हताशी
ऊर्ध्व प्रगति की अनंत आकांक्षाएं
आत्मा ही आत्मा विश्वासी
सिर्फ बात यदि बातें सिमटाए
पल प्रतिपल लगे चपल मधुमासी।
धीरेन्द्र सिंह