विचारों के उपवन में मिलती हैं आप जब
सितारों सी अभिव्यक्तियां टिमटिमाती हैं
भावनाएं परखती हैं भावनाओं के नृत्य
जाने-अनजाने नई कविता रच जाती है
यूं ही अनायास उठे आपका वही सुवास
सर्जना सुगंध पा मचल कुलमुलाती है
आपके नयन के पलक छुपे भाव खिले
शब्द बारात लिए भावना आतिशबाजी है
कहन जतन श्रृंगार आपका ही उपहार
सौंदर्य भाव पट खोल खूब इतराती है
सच कहूँ आप ही निज रचना प्रताप
सर्जना आपके प्रणय की एक बाती हैं।
धीरेन्द्र सिंह
13.07.2024
13.36