आपका चेहरा ना देखा कुछ ना देखा
बोल की मिश्री ना तो कैसी मिठास
चांद चलता चांदनी ले चुलबुली
लहरें तट पर दौड़ती कर अट्ठहास
तृप्ति का अनुभव जो मरूस्थल करे
बदली भर बूंदों का पा अहसास
आपका रूप अप्रतिम बस गया
अब ना जीवन से चाहिए खास
सुरभित, सुगम, सुनहरा सौंदर्य है
लगे निज जलप्रपात जैसी प्यास
शबनमी अहसास में पुलकित पंखुड़ियां
सृष्टि को समेट लिया हो मधुमास
आपका चेहरा या मेरी दृष्टि है
खूबसूरती में कैसी यह तलाश
एक जीवन जी ल्न् की ललक
दूरियां कम कर हो सकें पास.
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
बोल की मिश्री ना तो कैसी मिठास
चांद चलता चांदनी ले चुलबुली
लहरें तट पर दौड़ती कर अट्ठहास
तृप्ति का अनुभव जो मरूस्थल करे
बदली भर बूंदों का पा अहसास
आपका रूप अप्रतिम बस गया
अब ना जीवन से चाहिए खास
सुरभित, सुगम, सुनहरा सौंदर्य है
लगे निज जलप्रपात जैसी प्यास
शबनमी अहसास में पुलकित पंखुड़ियां
सृष्टि को समेट लिया हो मधुमास
आपका चेहरा या मेरी दृष्टि है
खूबसूरती में कैसी यह तलाश
एक जीवन जी ल्न् की ललक
दूरियां कम कर हो सकें पास.
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.