पता नहीं क्यों
पता मिला कैसे
बस्तों को बांचते
पुरातत्व खंगालते
आरंभ पुनर्निर्माण
संस्कृति के वह द्वार
सभ्यता की पुकार
हिंदुत्व की हुंकार,
राम मंदिर;
सरयू भी उठी खिल
वर्ष 2021 से मिल
हिंदुत्व निर्विवाद
संस्कृति पर कैसा विवाद
असंख्य दीप जल उठे
प्रकाशित विश्व द्वार
दीपावली दिव्य प्रखर
अनुगूंज दिव्य अनंत,
राम मंदिर;
भारत में हिंदुत्व
हिन्दू हर भारतवासी
बहु धर्म का समझे मर्म
नव चेतना विन्यासी
बारह लाख दीपों में
शुभकामनाएं
आलोकित सब इससे
पूर्ण हों अर्चनाएं
अयोध्या जग जगमगाए,
राम मंदिर।
धीरेन्द्र सिंह