राधा-कृष्ण, शिव-शक्ति की कर चर्चाएं
प्रेम का रूप गढ़ें, लक्ष्य क्या कौन बताए
यदि आध्यात्म प्यार भक्ति मार्ग जाएं
मानव बीच रहकर देह को क्यों घटाएं
ऐसे लोगों का मस्तिष्क अलौकिक चाह
देह से मुक्ति चाहें देह को ही नकार
वासना, कामना का सामना को हटाएं
मानव बीच रहकर देह को क्यों घटाएं
बहुरूपिया लेखन का बढ़ रहा है चलन
प्रेम धर्म परिभाषित सहज भाव दलन
देह मार्ग मुक्ति मार्ग सहजता से पाएं
मानव बीच रहकर देह को क्यों घटाएं
राधा-कृष्ण छोड़िए शिव-शक्ति भव्य
आत्मधन चाहें नकार कर क्यों द्रव्य
सहज जीवन देह आकर्षण सहज पाए
मानव बीच रहकर देह को क्यों घटाएं।
धीरेन्द्र सिंह
28.05.2024
09.56Q