हिंदी विश्व दिवस
कौन मनाता सहर्ष
कागज का यह घोड़ा
हिंदी का कहां उत्कर्ष
एक शोर अनर्गल
कहता है चल
भाषा भाग्य विधाता
भाषा पर मचल
मोबाइल संचालन में
प्रौद्योगिकी आंगन में
सिर्फ जुड़ा बाजार
शेष आंग्ल छाजन में
कठिन है जगाना
अर्थ किसने जाना
योग्यता का क्या
जिससे न मिले खाना
हिंदी विश्व दिवस
मिले तुझे सुयश
अर्थ मिले अपार
मिले ना अपयश।
धीरेन्द्र सिंह
10.01.2024
12.52