क्यों उठा लेते हैं विगत साहित्य
क्या है यह रचनाकार आतिथ्य
एक समय था पुस्तकें ही थीं
और था प्राध्यापक व्यक्तित्व
जो कहा साहित्य क्या सत्य वही
रचनाएं लिखी और कितनी बही
नाम लोकप्रिय क्या साहित्य सतीत्व
शेष रचनाकारों के गए कहां कृत्य
सोशल मीडिया में अनोखी अनुगूंज
हे विगत चितेरे, वर्तमान को बूझ
विगत से मोहित, भ्रमित साहित्य
वर्तमान में अनभिज्ञ, नव कृतित्व
पहले से पारदर्शी है, समय यह
सूचनाओं के, अंबार संग गह
आत्मशक्ति, विचारशक्ति भवितव्य
वसुधैव की सोच, छोड़ निजत्व।
धीरेन्द्र सिंह
20.05.2024
14.22