जब टूटा सब टूटा और टूटा धीर
अब लगता षडयंत्र जैसे कश्मीर
मां दुर्गा की प्रेरणा अबकी पुकार
नवरात्र में चिंतन-मनन में सुधार
भंवर भरोसे क्या बहें देखें तीर
अब लगता षड्यंत्र जैसे कश्मीर
इतिहास पढ़ने से क्या प्राप्ति रही
धारा ठीक चली कब उल्टी बही
कलम बिक गयी सोच टूटी प्राचीर
अब लगता षड्यंत्र जैसे कश्मीर
पीढ़ी दर पीढ़ी चढ़ती गलत सीढ़ी
रहा सुलगता सत्य रहा जैसे बीड़ी
वर्तमान प्रांजल हो बन रहा अधीर
अब लगता षड्यंत्र जैसे कश्मीर
अपना सत्य सौम्यता ठहरी है पीर
अब लगता षड्यंत्र जैसे कश्मीर।
धीरेन्द्र सिंह
02.04.2022
13.35