शब्द मरते हैं
तो मर जाती है भाषा
शब्द होते घायल
भाषा बन जाती है तमाशा,
शब्दों की दुनिया में
नित नया होता है तमाशा
क्या करे अभिव्यक्ति तब
शब्द प्रयोग जैसे बताशा,
सबके होते अपने शब्द
पर शब्द ढूंढता नव आशा
सही प्रसंग, संदर्भ सही हो
शब्द योग है नहीं पिपासा
शब्द ब्रह्म है शब्द तीर्थ
शब्द समझ की ही जिज्ञासा
शब्द सहज सुजान नहीं
शब्द अजोड़ बने भाव कुहासा।
धीरेन्द्र सिंह
03.07.2025
22.40