मुस्कराहट मन में या होंठ पर
हर हालत में दे जाती है कौंध
जो समझ ले बूझ ले उसे भी
दर सोच-सोच कल्पना के पौध
शब्द जिसको कहने में हिचकिचाता
मुस्कराहट कह दे उसको छौंक
समझनेवाला अर्थ ढूंढता हो तत्पर
अर्थ-अर्थ समर्थ होकर जाता चौंक
हर हृदय एक आस भी है प्यास
समाज से भयभीत हो कतरब्यौन्त
अभिलाषाएं जगती पनपती स्वभावतः
मुस्कराना न आए हो जाती मौत
मुस्कराहट की है श्रेणियां विशेषताएं
भावनाएं जो प्रबल वही भादो चैत
व्यक्ति संवेदनशीलता हो बंधनमुक्त
एकाकार भाव हों अस्तित्व हो द्वैत।
धीरेन्द्र सिंह
18.05.2025
14.08