कौन सी गली न घूमी है रिक्ता
वही जिसकी उपलब्धि है अतृप्ता
विभिन किस्म के पुरुषों से मित्रता
फ्लर्ट करते हुए करें वृद्ध निजता
अलमस्त लेखन चुराई बन उन्मुक्ता
वही जिसकी उपलब्धि है अतृप्ता
नई दिल्ली है इनका निजी शिकारगाह
प्रिय पुरुष मंडली की झूठी वाह-वाह
हिंदी जगत की बन बैठी हैं नियोक्ता
वही जिसकी उपलब्धि है अतृप्ता
एक दोहाकार दिल्ली का है अभिलाषी
एक “आपा” कहनेवाले भी हैं प्रत्याशी
एक प्रकाशक का जाल निर्मित संयुक्ता
वही जिसकी उपलब्धि है अतृप्ता
हिंदी जगत के यह विवेकहीन मतवाले
अतृप्ता ने भी हैं विभिन्न कलाकार
पाले
कुछ दिन थी चुप अब फिर सक्रिय
है सुप्ता
यही जिसकी उपलब्धि है अतृप्ता।
धीरेन्द्र सिंह
13.04.2024
19.10