कांपती अंगुलियों ने
28 मई 23 को
सेंगोल को
नए संसद में
किया था स्थापित
तब प्रवाहित हुई थी
विद्युतीय तरंग
सेंगोल से संसद में
गुजरती मोदी अंगुलियों से
जैसे
जटा भोले से
हुई थी प्रवाहित मां गंगा
भूतल पर,
कंपन प्रमाण है
जीवंतता का
परिवेश सहबद्धता का
विभिन्न मंत्रों की अनुगूंज लिए
नया संसद
तत्पर है
वैश्विक नेतृत्व के लिए।
धीरेन्द्र सिंह
28.05.2023
11.07