सत्य के अलाव में सौंदर्य की अनुभूति
उष्मामयी जीवन का प्यारा अभिनंदन है
बसंत पंचमी में लग रही नव वासंती हो
चिहुंक उठा मन वेलेंटाइन का जो क्रंदन है
ऋतु बसंत में सुगंधमय परिवेश उन्मुक्त
बावरे चमन में कली,भ्रमर लगे सघन हैं
प्रीति का व्यापारिकरण कर रहा वेलेंटाइन
वासंती रूनझुन में खोया मन मगन है
बदल रहा मौसम संग बदल रही अमराई
बहक रहे बादल संग मुखर यह जीवन है
सृष्टि के बहाव संग ढल रही भावनाएं
महक-महक रोम उठा सज उठा गगन है
नयन भर प्यार मेरा छलक-छलक बुलाए
रूप को निहार लूं प्रीत का जगवंदन है
आ गया बसंत अब आ भी तो जाईए
पुष्प रंध्र मार्ग है आह बनी चंदन है।
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
उष्मामयी जीवन का प्यारा अभिनंदन है
बसंत पंचमी में लग रही नव वासंती हो
चिहुंक उठा मन वेलेंटाइन का जो क्रंदन है
ऋतु बसंत में सुगंधमय परिवेश उन्मुक्त
बावरे चमन में कली,भ्रमर लगे सघन हैं
प्रीति का व्यापारिकरण कर रहा वेलेंटाइन
वासंती रूनझुन में खोया मन मगन है
बदल रहा मौसम संग बदल रही अमराई
बहक रहे बादल संग मुखर यह जीवन है
सृष्टि के बहाव संग ढल रही भावनाएं
महक-महक रोम उठा सज उठा गगन है
नयन भर प्यार मेरा छलक-छलक बुलाए
रूप को निहार लूं प्रीत का जगवंदन है
आ गया बसंत अब आ भी तो जाईए
पुष्प रंध्र मार्ग है आह बनी चंदन है।
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (10/2/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
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जवाब देंहटाएंवासंती रुनझुन में खोया मन मगन है ..... बहुत सुन्दर शब्द चयन के साथ , प्यार के सुन्दर भाव बिखेरती एक उम्दा रचना ।
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बहुत खूब सर!
जवाब देंहटाएंbahut sundar abhivyakti... basant ki khushi... shubhkaamnayen
जवाब देंहटाएंbahut sundar abhivyakti...shubhkaamnayen
जवाब देंहटाएंसंवेदना के शिखर पर कवि मन
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शब्द चयन ..बहुत खूब
जवाब देंहटाएं