गुरुवार, 1 अगस्त 2024

एडमिन

 एडमिन, मॉडरेटर संयुक्त यह समूह

पर किसी एक से स्पष्ट युक्ति समूल

रचना की सर्जना की प्रक्रिया समझ

अपनी प्रतिक्रिया देने में सुस्ती ना भूल


प्रेम यहीं हो जाता रचनागत संयोजन

एक के कारण लगे समूह सुगंधित फूल

रचनाकार हो पुलकित सर्जन नित करे

नित चाहे आत्मीयता और गहन अनुकूल


सिर्फ नाम परिचय शब्द निहित व्यक्तित्व

सर्जन की दुनिया का प्रोत्साहन समूल

ना जाने कब तक लहर नाव तादात्म्य

नित्य आप ही लगें दिग्दर्शक मस्तूल।


धीरेन्द्र सिंह

02.08.2024

08.35


हिंदी समूह

 यह समूह, वह समूह, कह समूह

हिंदी सकल समझ ले, बह समूह


नियमों की कहीं चटखती चिंगारियां

कहीं प्रतियोगिता की सुंदर क्यारियां

हिंदी मंथन से रच भावी नव व्यूह

हिंदी सकल समझ ले, बह समूह


उत्साहित करते कुछ समूह संचालक

वर्तमान में समूह भी हिंदी पालक

नई सोच नई खेप नवकल्पनाएँ दूह

हिंदी सकल समझ ले, बह समूह


वर्तमान और पढ़े, नव कदम बढ़ें

समूह की सर्जना से, लेखन मढ़ें

अनप्रयोज्य अधिसंख्य प्रायः ढूर

हिंदी सकल समझ ले, बह समूह।


धीरेन्द्र सिंह

01.08.2024

13.56