शुक्रवार, 7 मार्च 2025

महिला दिवस

 कमनीयता केवल प्रथम शौर्य है

नारीत्व का यही सजग दौर है


मन है लचीला तन भी है लचीला

दायित्व वहन सहज मातृत्व गर्वीला

विभिन्न छटा नारी वह सिरमौर है

नारीत्व का यही सजग दौर है


प्राचीन से आधुनिकतम का युद्ध

हर युग अपने परिवेश में है शुद्ध

भविष्य खातिर पीछे करती गौर है

नारीत्व का यही सजग दौर है


प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

नारी प्रगति उद्देश्य ना गिला विवश

विश्व दीप्ति में महिला नव बौर है

नारीत्व का यही सजग दौर है


अनजाने, अनचीन्हे नारी वर्ग अनेक

कुछ फोटो, कुछ नाम करते क्यों सचेत

खेत, खलिहान, मजदूरी, घर बतौर हैं

नारी का यही सजग दौर है।


धीरेन्द्र सिंह

07.02.2025

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