कहां से कहां तक फैले हसीन अपने
यहां-वहां सारे जहां दिखे बनारसी सपने
दिल की हर खनक दर्शाते हैं बनारसी
जहां कहीं होते यह बन जाते सारथी
समूह संग मिलकर उत्थान लगते जपने
यहां-वहां सारे जहां दिखे बनारसी सपने
व्यक्तित्व भी कृतित्व भी भवितव्य भी
सबका कल्याण चाहें हर्षित हों सभी
जो भी खुलकर मिला गूंजे नाम अंगने
यहां-वहां सारे जहां दिखे बनारसी सपने।
धीरेन्द्र सिंह
08.11.2024
11.57
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