बुधवार, 15 जनवरी 2025

अष्तित्व

 जल में प्रवाहित ज्योति

होती है आस्था

और माटी का दीपक

एक आधार,


तट इसी प्रक्रिया से

हो उठता है

विशिष्ट, महत्वपूर्ण

और पूजनीय भी,


चेतना की लहरों पर

प्रज्ञा की लौ

और मानव तन,


सृष्टि है सुगम

सृष्टि है गहन।


धीरेन्द्र सिंह

15.01.2025

23.20