बुधवार, 7 मई 2025

योद्धा

 संघर्ष ही है जीवन कहे मानव इतिहास

धरा कहे व्योम से कर इसपर विश्वास


हर सांस जीवन युद्ध है और बुद्ध हैं

संघर्ष से जो गुजरे वही जीव शुद्ध हैं

बौद्धिकता ही नहीं सामाजिकता सायास

व्यक्ति हौसले को कहे लक्ष्य कर तलाश


नित अंग संचालन स्वास्थ्य का आधार

नित्य अप्रासंगिक त्यजन सुखद संसार

बाधाएं प्रगति की करें दुखद जो सायास

हर वेदना कहे निर्मूलन शीघ्र हो काश


हर व्यक्ति योद्धा की तरह सौष्ठव रहे

जब जीत जाता कहता चलो उत्सव करें

हर व्यक्ति का अस्त्र-शस्त्र करे उल्लास

योद्धा जो सुप्त व्यक्ति में हो कहां उजास।


धीरेन्द्र सिंह

07.05.2025

06.01