संघर्ष ही है जीवन कहे मानव इतिहास
धरा कहे व्योम से कर इसपर विश्वास
हर सांस जीवन युद्ध है और बुद्ध हैं
संघर्ष से जो गुजरे वही जीव शुद्ध हैं
बौद्धिकता ही नहीं सामाजिकता सायास
व्यक्ति हौसले को कहे लक्ष्य कर तलाश
नित अंग संचालन स्वास्थ्य का आधार
नित्य अप्रासंगिक त्यजन सुखद संसार
बाधाएं प्रगति की करें दुखद जो सायास
हर वेदना कहे निर्मूलन शीघ्र हो काश
हर व्यक्ति योद्धा की तरह सौष्ठव रहे
जब जीत जाता कहता चलो उत्सव करें
हर व्यक्ति का अस्त्र-शस्त्र करे उल्लास
योद्धा जो सुप्त व्यक्ति में हो कहां उजास।
धीरेन्द्र सिंह
07.05.2025
06.01