सोमवार, 23 दिसंबर 2024

साइबर क्राइम

 बातों ही बातों में ले लेते हैं रुपए

साइबर क्राइम के शिक्षित बहुरुपिए


शालीनता, शिष्टता के बन पुजारी

कितनों के खाते में की है सेंधमारी

अर्थजाल बना मोहक कहें चमकिए

साइबर क्राइम के शिक्षित बहुरुपिए


ज्ञानी, समझदार, सतर्क भी फंसते

खुद से लुटा दिया देर में हैं समझते

भावनाओं से खेलते चाहें और भभकिए

साइबर क्राइम के शिक्षित बहुरुपिए


चालबाजों का समूह रचते रहता व्यूह

सबकी निर्धारित भूमिका चालें गुह्य

लोभ की लपक दबंग उमंग ना गहिए

साइबर क्राइम के शिक्षित बहुरुपिए।


धीरेन्द्र सिंह

23.12.2024

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