करतल ध्वनियों का निनाद है
किसकी जीत का यह संवाद है
किन उपलब्धियों के विजेता है
संघर्ष निरंतर है और विवाद है
इतिहास की हैं कुछ गलतियां
विश्वास भी कहता नाबाद है
कौन किस गलियारे आ पड़ा
जो जहाँ लगे वह आबाद है
चाल चलती बढ़ती हैं युक्तियां
सूक्तियों का चलन निर्विवाद है
ज्ञान कटोरा ने क्या-क्या बटोरा
व्यक्ति-व्यक्ति में वही नाद है
समय को इतिहास है पुकारता
परिवर्तन में भविष्य जज्बात है
शौर्य साध्य है संयोजनों का
समय कहता सहज यह बात है।
धीरेन्द्र सिंह
17.05.2025
17.27