आंतरिक ऊर्जा का उन्नयन धार है
प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है
धरा से व्योम तक भावना का अर्चन
प्यार की छवि दिखे वायु बने दर्पण
ऐसे योगियों समक्ष खुले सब द्वार हैं
प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है
सामाजिक बंधन कहे प्यार है चंदन
सामाजिक समर्थन प्यार वही वंदन
वैवाहिक रीतियों में नियम गुबार है
प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है
धर्म कभी कर्म कभी सामाजिकता
प्यार नियमबद्ध करे क्या आतुरता
बिरादरी से बाहर ब्याह नहीं शुमार है
प्रचंड वेगवाहक होया जब प्यार है
प्यार नहीं रुकता प्रेमी प्रतिदिन आदि
नित्य मिलान नित्य चर्चा पल-पल संवादी
दूसरे से ब्याह नहीं देता प्यार झंकार है
प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है।
धीरेन्द्र सिंह
11.06.2025
05.46