मंगलवार, 10 जून 2025

आंतरिक ऊर्जा का उन्नयन धार है

प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है


धरा से व्योम तक भावना का अर्चन

प्यार की छवि दिखे वायु बने दर्पण

ऐसे योगियों समक्ष खुले सब द्वार हैं

प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है


सामाजिक बंधन कहे प्यार है चंदन

सामाजिक समर्थन प्यार वही वंदन

वैवाहिक रीतियों में नियम गुबार है

प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है


धर्म कभी कर्म कभी सामाजिकता

प्यार नियमबद्ध करे क्या आतुरता

बिरादरी से बाहर ब्याह नहीं शुमार है

प्रचंड वेगवाहक होया जब प्यार है


प्यार नहीं रुकता प्रेमी प्रतिदिन आदि

नित्य मिलान नित्य चर्चा पल-पल संवादी

दूसरे से ब्याह नहीं देता प्यार झंकार है

प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है।


धीरेन्द्र सिंह

11.06.2025

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