बुधवार, 16 अप्रैल 2025

अमृता प्रीतम

 हिंदी साहित्य जगत में

सत्तर, अस्सी का दौर

जहां

लेखक प्रबल थे

प्रतिभाशाली थे समीक्षक 

और था दबदबा

हिंदी साहित्य लेखन का,


अमृता प्रीतम, इमरोज और

साहिर लुधियानवी,

इस तिकड़ी का चला दौर,

अमृता प्रीतम थीं

भारतीय साहित्य की

प्रथम व्यक्तिगत संपर्क (पीआर) प्रणेता,

लेखन के बलबूते पर

समीक्षकों के सहयोग और

मंच की सदुपयोगिता

कर दी चर्चित

अमृता प्रीतम की प्रणय गाथा,


अपने दौर के 

सभी प्रेमियों को

देती करारी मात

अमृता प्रीतम ने

किया स्थापित अपना साम्राज्य,

कुशल लेखन, रुचिकर अभिव्यक्ति

पी आर प्रबंधन,

लोग भूले अपनी शैली

या प्यार बना पहेली, और

सभी प्रेमियों की आदर्श

हो गईं अमृता प्रीतम,


इमरोज और साहिर लुधियानवी

प्रेम के दो चरित्र

मानो किसी उपन्यास के

दो कल्पित पात्र

और अमृता प्रीतम

अजेय प्रेम मल्लिका

जिसे अब भी देश गा रहा है,


प्रबंधन के महाविद्यालयों में

"अमृता प्रीतम प्यार प्रबंधन"

का प्रशिक्षण का हो अनुबंध,

किसी भारतीय रचनाकार का

अमृता सा ना रहा प्रबंध,

साहित्य लेखन में

कुछ ना क्लिष्ट है,

अमृता प्रीतम

इसीलिए विशिष्ट हैं।


धीरेन्द्र सिंह

14.04.2025

20.05