मंगलवार, 29 अप्रैल 2025

तथ्य

 तथ्य है तो तत्व है

तत्व में है तथ्य शंकित

कथ्य है घनत्व है

घनत्व में कथ्य किंचित


समाज है तो शक्ति है

शक्ति में समाज वंचित

मानव हैं मानवता है

मानवता होती है सिंचित


पल्लवन है तो बीज है

बीज संकर किस्म रंचित

बागीचा है तो बागवान

बागवान हो सके समंजित


अग्रता है तो व्यग्रता है

व्यग्रता में लक्ष्य भंजित

समग्रता है तो पूर्णता है

पूर्णता होती है मंचित।


धीरेन्द्र सिंह

29.04.2025

14.49