तथ्य है तो तत्व है
तत्व में है तथ्य शंकित
कथ्य है घनत्व है
घनत्व में कथ्य किंचित
समाज है तो शक्ति है
शक्ति में समाज वंचित
मानव हैं मानवता है
मानवता होती है सिंचित
पल्लवन है तो बीज है
बीज संकर किस्म रंचित
बागीचा है तो बागवान
बागवान हो सके समंजित
अग्रता है तो व्यग्रता है
व्यग्रता में लक्ष्य भंजित
समग्रता है तो पूर्णता है
पूर्णता होती है मंचित।
धीरेन्द्र सिंह
29.04.2025
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