सीखा बहुत न सीख पाया वैसे निभाना
ना जब कहना हो तो बनाएं कैसे बहाना
आप अभिनेत्री हैं या जीवन की हैं नेत्री
एक दुनिया आपकी जिसकी आप हैं क्षेत्री
शब्द भी है धुन भी आपका रहे तराना
ना जब कहना हो तो बनाएं कैसे बहाना
है ज्ञात कुछ तो गड़बड़ आप कर रहीं
तलाशते रहे न आधार न मिले जमीं
यहां-वहां जहां-तहां भोलेपन में घुमाना
ना जब कहना हो तो बनाएं कैसे बहाना
कुछ तो विशेषता आपमें है ईश्वर प्रदत्त
बातों में आपसा भला है कौन सिद्धहस्त
हारता है पुरुष फिर भी बना रहता दीवाना
ना जब कहना हो तो बनाएं कैसे बहाना।
धीरेन्द्र सिंह
30.05.2025
13.45