शनिवार, 24 अगस्त 2024

हथेली

 पौधे की टहनी

खिला हुआ फूल

पकड़ी हथेली देख

फूल गया भूल

 

गुलाबी गदरायी हथेली

पौधे को दे तूल

पुष्प खिलाया अभिनव

जैसे हथेली फूल

 

तुम निस दिन संवारो

पौधे में नव फूल

हतप्रभ सुंदर पुष्प

जीवन यही समूल।

 

धीरेन्द्र सिंह

24.08.2024

19.08

ठरकी

 चालित, स्वचालित या संचालित

यूं रहस्यमय हों जैसे कापालिक

पूर्णता, अपूर्णता या संपूर्णता

प्रगति के दौर बड़े तात्कालिक


रात्रि अलाव दिखा अग्नि भभकी

स्वाहा हो चुका तब पुलिस पहुंची

अहंकार, अहंधार या आत्महुंकार

ढूर-दराज हालत यही सबकी


कौन सहे, कौन गहे, कौन बहे

कौन है सत्य है कौन प्रामाणिक

कौन गहे, कौन मथे, कौन सधे

कौन तथ्य है जो संवैधानिक


दूर कहीं जमघट में हो रही चर्चाएं

अबकी पर्व में कौन होगा सनकी

100 नंबर डायल किया बात हुई

सुबह खबर थी गए पकड़े ठरकी।


धीरेन्द्र सिंह

24.08.2024ठरकी

14.37