मंगलवार, 17 दिसंबर 2024

चाह

 दियासलाई

एक दिए को

ज्योतिर्मय करने को

आमादा है,

तीलियाँ कसमाती

कब जल जाना है,

एक-दूसरे से जुड़ा

कैसा तानाबाना है,

मन एक तीली

हृदय दियासलाई

तुम दिया अंकुराई,

ऊर्जाएं तीली का सिरा

धरती सा गोल

या तुम्हारी पुतलियों सा,

हृदय के बाह्य तल पर

पटक अपना सर

जल जाने को आमादा,

चलो दीपावली मनाएं।


धीरेन्द्र सिंह

18.12.2024

07.15