मंगलवार, 18 मार्च 2025

सुनि विलियम्स

 09 महीने तेरह दिन

रहे गुरुत्वाकर्षण बिन


सुनि विलियम्स भारतीय मूल

इसीलिए मन देता उन्हें तूल

विगत हमारा अंतरिक्ष प्रवीण

रहे गुरुत्वाकर्षण बिन


नासा का यह वैज्ञानिक प्रभुत्व

हम खुश भारतीयता का प्रभुत्व

जीन प्रबल तो जीत हो अधीन

रहे गुरुत्वाकर्षण बिन


अंतरिक्ष की होंगी अनसुनी बातें

कैसा होता दिन वहां कैसी रातें

सुनीता कहेंगी बातें चुन गिन-गिन

रहे गुरुत्वाकर्षण बिन


बिन गुरुत्वाकर्षण व्यक्ति हो तिनका

खाना-पीना-सोना, शोध का 9 महीना

तन-मन सब परिवर्तित होगा तल्लीन

रहे गुरुत्वाकर्षण बिन


गुजरात की बेटी ने किया कमाल

भारत ने न्यौता दिया आओ भाल

भारत विश्वगुरु है सुनि जैसे अधीन

रहे गुरुत्वाकर्षण बिन।


धीरेन्द्र सिंह

19.03.2025

04.42

प्रतिक्रिया

 सोच रहा हूँ

अपनी रचनाओं पर

प्राप्त प्रतिक्रियाओं का

वृहद कोलाज बनाऊं

और मध्य में

बसा खुदका चित्र, फिर

जीवन का उल्लास मनाऊं,


कैसे पढ़ लेती हैं आंखें

शब्द पार्श्व के निरख सांचे

कैसे उन नयनों के प्रति

भावपूर्ण एहसास जताऊं,

लिखना तो आदत सब जैसी

भाग्य, मिली दृष्टि चितेरी

साहित्य का फाग रचाए,

निसदिन खुद को भींगता पाऊं,


कितने हैं साहित्य मर्मज्ञ

मैं तो मात्र समिधा सा,

गुंजित है वेदिका सुगंध

अनुभूति इन प्रथमा का,

अंतर्चेतना जगाते जाऊं,

तुम ना लिखती या आप कहूँ

बहुत करीब तो तुम आ जाए 😊

प्रतिक्रिया मेरा ध्यान का आसन

लेखन चेतना ऊर्जा पाऊं,


हे मेरे तुम 

तुम मुझमें और

मैं तुझमें गुम,

राह अंजोरिया

चाह नए पाता गाऊँ,

सहज नहीं प्रतिक्रिया लेखन

गूढता तक हो पैठन

भाव शब्द का ऊपर ऐंठन

ऐसा योग साहित्य समाहित

धन्य आप

नित प्रतिक्रिया पाऊं🙏


धीरेन्द्र सिंह

18.03.2025

18.10