शनिवार, 4 जनवरी 2025

पीढियां

 कुछ उम्र के सहारे चढ़ते हैं सीढियां

इस युग में होने लगी ऐसी पीढियां


बच्चों को कहें पढ़ने-लिखने की उम्र

युवाओं से करते भविष्य का जिक्र

जो अधेड़ हैं उनकी है कई रीतियाँ

इस युग से होने लगी ऐसी पीढियां


अधेड़ और वरिष्ठ संचित अनुभवी

समय अपना देख बोलें अभी है कमी

प्रणय दबाकर गंभीरता की प्रीतियाँ

इस युग से होने लगी ऐसी पीढियां


खुल कर प्रणय उल्लेख बिदक जाएंगे

भक्ति, दर्शन, राजनीति दुदबुदाएँगे

एक थकी बुजुर्ग पीढ़ी की है गलतियां

इस युग से होने लगी ऐसी पीढियां


धीरेन्द्र सिंह

04.01.2025

14.12