गुरुवार, 4 नवंबर 2010

प्रीत

जब तुम मुस्कराती हो, नयन में गीत होता है
लबों पर तड़पती बातें, ज़ुबां पर मीत होता है.

पलकों में लग जाते पंख, उड़ने को आमदा
अंगुलिओं में लिपटता मौन, यह रीत होता है

चमन की खुश्बुएं ले, लहराती हैं जब जुल्फें
गुलों के रंग
पड़ते फीके, यही प्रतीत होता है

बिन बोले होती हैं
बातें, ख़ामोशी भी घबराये
धडकनें धुन नयी सजाएं, यही तो प्रीत होता है

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