गलियॉ-गलियॉ घूम चुका, ऐसा मैं दीवाना हूँ
झुलस-झुलस कर ज़िंदगी पाऊँ, ऐसा मैं परवाना हूँ.
तरह-तरह की आग जल रही, तपन सहन नहीं कर पाऊँ
लिपट-चिपट कर आग बुझा लूँ, मैं भी एक सयाना हूँ.
नाम आईना बनकर मुझको, ख्वाब नए दिखलाता है
चेहरा उनका ही दिखता है, मैं तो एक बहाना हूँ.
कितने-कितने तीर चल रहे, मीठी लगती है रसबोली
भोली बनकर करे शरारत, मैं भी एक तराना हूँ.
प्यार, मुहब्बत, इश्क, इबादत, मुझको एक से लगते हैं
इस बस्ती में जीनेवाला, मैं भी बड़ा पुराना हूँ.
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