सर्दियों की बारिश
चाहतों की वारिस
दावा ले बरस पड़ी
शुरू हुई सिफारिश
बूंदों की हसरतें हैं
बादलों की नवाजिश
हवाओं में है नर्तन
उनिदों की गुजारिश
शीतलता समाई भरमाई
चाह ऊष्मता खालिश
झकोरे बूंद पहनाए
सिहरन सिहरन मालिश
बूंद बने ओला
जल उठे माचिस
मौसम की अदाएं
जिंदगी भींगी आतिश।
धीरेन्द्र सिंह
30.12.2024
00.32
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