रविवार, 29 दिसंबर 2024

भींगी आतिश

 सर्दियों की बारिश

चाहतों की वारिस

दावा ले बरस पड़ी

शुरू हुई सिफारिश


बूंदों की हसरतें हैं

बादलों की नवाजिश

हवाओं में है नर्तन

उनिदों की गुजारिश


शीतलता समाई भरमाई

चाह ऊष्मता खालिश

झकोरे बूंद पहनाए

सिहरन सिहरन मालिश


बूंद बने ओला

जल उठे माचिस

मौसम की अदाएं

जिंदगी भींगी आतिश।


धीरेन्द्र सिंह

30.12.2024

00.32




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