गुरुवार, 12 दिसंबर 2024

चेहरा

 बहुत भोला सा निष्कपट चेहरा

देखते बोला नयन लिपट चेहरा


जीवन चुनौतियों की सिमटी हवाएं

संघर्ष नीतियों की विजयी पताकाएं

शालीनता से गर्वित चले फहरा

देखते बोला नयन लिपट चेहरा


दृष्टि देख रही थी बांधे बवंडर

भृकुटि लगे बांधे हुए समंदर

अवलोकन में तेजस्विता दोहरा

देखते बोला नयन लिपट चेहरा


हर चेहरा लगे ब्रह्मांड का एक विश्व

बंद अधर लगे सूचनाओं के अस्तित्व

हर चेहरे को प्रणाम भाव गहरा

देखते बोला नयन लिपट चेहरा।


धीरेन्द्र सिंह

12.12.2024

20.47 




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