बहुत भोला सा निष्कपट चेहरा
देखते बोला नयन लिपट चेहरा
जीवन चुनौतियों की सिमटी हवाएं
संघर्ष नीतियों की विजयी पताकाएं
शालीनता से गर्वित चले फहरा
देखते बोला नयन लिपट चेहरा
दृष्टि देख रही थी बांधे बवंडर
भृकुटि लगे बांधे हुए समंदर
अवलोकन में तेजस्विता दोहरा
देखते बोला नयन लिपट चेहरा
हर चेहरा लगे ब्रह्मांड का एक विश्व
बंद अधर लगे सूचनाओं के अस्तित्व
हर चेहरे को प्रणाम भाव गहरा
देखते बोला नयन लिपट चेहरा।
धीरेन्द्र सिंह
12.12.2024
20.47
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