आप से प्यार ना हुआ है
चुपके से एहसासों ने छुआ है
सोचिये समझिए ना सकुचाईए
सावनी घटा सी बरस जाईये
प्यार होता तो होती एक पुकार
मेरे एहसासों का आप हैं आधार
दिग-दिगंत अपरिमित अनंत
अगणित अद्भुदता आप दर्शाईए
सोचिए समझिए ना सकुचाईए
सावनी घटा सी बरस जाईए
सृष्टि को समझने की बड़ी आस है
इस रहस्य का राज़ आपके पास है
व्योम की सुरभि, श्याम को झुकाईए
निरख रही पलकों को तो सजाईए
सोचिए समझिए ना सकुचाईए
सावनी घटा सी बरस जाईए
प्यार हो जाता लघु आपके समक्ष
एहसासों के बन जाते कई कक्ष
खंड-खंड जीवन को ना लुढ़काईए
पूर्णता पुरोधा बने गुर तो सिखलाईए
आप से प्यार ना हुआ है
चुपके से एहसासों ने छुआ है
सोचिए समझिए ना सकुचाईए
सावनी घटा सी बरस जाईए
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
चुपके से एहसासों ने छुआ है
सोचिये समझिए ना सकुचाईए
सावनी घटा सी बरस जाईये
प्यार होता तो होती एक पुकार
मेरे एहसासों का आप हैं आधार
दिग-दिगंत अपरिमित अनंत
अगणित अद्भुदता आप दर्शाईए
सोचिए समझिए ना सकुचाईए
सावनी घटा सी बरस जाईए
सृष्टि को समझने की बड़ी आस है
इस रहस्य का राज़ आपके पास है
व्योम की सुरभि, श्याम को झुकाईए
निरख रही पलकों को तो सजाईए
सोचिए समझिए ना सकुचाईए
सावनी घटा सी बरस जाईए
प्यार हो जाता लघु आपके समक्ष
एहसासों के बन जाते कई कक्ष
खंड-खंड जीवन को ना लुढ़काईए
पूर्णता पुरोधा बने गुर तो सिखलाईए
आप से प्यार ना हुआ है
चुपके से एहसासों ने छुआ है
सोचिए समझिए ना सकुचाईए
सावनी घटा सी बरस जाईए
भावनाओं के पुष्पों से,हर मन है सिज़ता
अभिव्यक्ति की डोर पर,हर धड़कन है निज़ता,
शब्दों की अमराई में,भावों की तरूणाई है
दिल की लिखी रूबाई मे,एक तड़पन है निज़ता.
सचमुच...खंड खंड नहीं पूर्णता की तलाश ही है प्रेम...
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