अपने तलक ही रखना, कहीं ना बात निकल जाए
है अपना यही राज, कहीं ना बात फिसल जाए
लोगों के दरमियॉ,,खुली किताब का वज़ूद क्या
एक ज़िल्द चढ़ाए रखना, कहीं ना झलक जाए
माना कि सूरज को, छुपाना है बहुत मुश्किल
झोंके से बचे रहना,कहीं बादल ना निकल जाए
होता नहीं आसान, ज़ज्बातों से बच कर रहना
हलकी सी छुवन से, कहीं दिल ना पिघल जाये
है हिम्मत और हौसला, अपनी राह पर चलना
एक दुनिया बनी है अपनी, कोई ना छल पाए.
लोगों के दरमिया खुली किताब का वजूद क्या
जवाब देंहटाएंएक जिल्द चढाए रखना,कहीं ना झलक जाए
पक्तियाँ मन को भा गई।
सुन्दर रचना।