मंगलवार, 17 जून 2025

तत्व और भाव

 तत्व की तथ्यता यदि है सत्यता

भाव की भव्यता कैसी है सभ्यता

तत्व और भाव अंतर्द्वंद्व जीवन के

रचित जिस आधार पर है नव्यता


अपरिचित भी लगे सुपरिचित सा 

परिचित में ना मिले ढूंढे ग्राह्यता

अनजाने पथ पर पांव अथक चलें

राह परिचित प्रति कदम मांगे द्रव्यता


तत्व का एक रूप है जो जगभासी

भाव है अमूर्त गूढ़ अनुभवी तथ्यता

हर किसी का भाव सिंचित है पुष्पित

तत्व प्रदर्शन मात्र नेपथ्य की आर्द्रता


भाव यदि सक्रिय नहीं व्यक्ति हो कहीं

तत्व की सतह पर तलाशता अमर्त्यता

भाव ही तत्व का है मूल ईंधन जग में

भाव ही प्यार और प्यार में है सार्थकता।


धीरेन्द्र सिंह

18.06.2025

08.16




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