साहित्य और संस्कृति का हो निज आचमन
व्यक्ति वही करे रचनाओं का नित मॉडरेशन
समूह का आधार होगा, चयन मॉडरेटर का
समूह संस्थापक भी हैं, एडमिन साकार सा
साहित्य मर्म की संवेदनाओं का हो गमन
व्यक्ति वही करे रचनाओं का नित मॉडरेशन
हल्के-फुल्के मजाक दो-चार पंक्ति काव्य
ऐसे समूह में मॉडरेशन चुनौती न संभाव्य
विभिन्न हिंदी विधा हो तो चुनौतियां सघन
व्यक्ति वही करे रचनाओं का नित मॉडरेशन
आवश्यक नहीं हिंदी पीएचडी हो हिंदी ज्ञाता
कई पुस्तकें हों प्रकाशित हिंदी की जिज्ञासा
मगन, मुग्ध, मौलिक हिंदी के प्रति नयन
व्यक्ति वही करे रचनाओं का नित मॉडरेशन।
धीरेन्द्र सिंह
04.04.2025
15.45
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