कौन लिख रहा वर्तमान जो कहे
प्यार की गोद में लेखक हैं पड़े
व्यथा प्यार की, पीड़ा बिछोह का
कथा यार की, बीड़ा न मोह का
प्यार विशाल बतलाते मानव ढहे
प्यार की गोद में लेखक हैं पड़े
या तो भूत भाव या हैं कल्पनाएं
सपूत कीर्ति छांव कोई न बतलाए
झुरमुट तले खरगोश बंद दृष्टि पड़े
प्यार की गोद में लेखक हैं पड़े
शौर्य नहीं शक्ति नहीं न तो जाबांजी
चॉकलेटी चेहरा लिए बस हो इश्कबाजी
पांव अथक चल रहे छोड़कर धड़े
प्यार की गोद में लेखक हैं पड़े।
धीरेन्द्र सिंह
29.11.2024
16.51
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