मंगलवार, 19 नवंबर 2024

नगाड़ा

 जिसका जितना सहज नगाड़ा

उसका उतना सजग अखाड़ा


प्रचार, प्रसार, विचार उद्वेलन

घर निर्माण संग चौका बेलन

भीड़ जुटाएं सिखाएं पहाड़ा

उसका उतना सहज अखाड़ा


अक्कड़-बक्कड़ बॉम्बे खो

दिल्ली, बंगलुरू संजो तो

बनाए कम अधिक बिगाड़ा

उसका उतना सहज अखाड़ा


हिंदी की हैं दुकान सजाए

अभिमान प्रतिमान बनाए

बेसरगमी बेसुरा लिए बाड़ा

उसका उतना सहज अखाड़ा।


धीरेन्द्र सिंह

19.11.2024

19.29


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