राष्ट्रप्रेम व्यक्तित्व शौर्य जतलाएं
सीमाओं को सुरक्षित करते जाएं
एक युवक नहीं पूरा परिवार है
योद्धा सभी क्षत्रीय धर्म ही निभाएं
एक युवती फौजी की बन पत्नी
समय अधिक प्रतीक्षा में बिताए
कब मिलेगी छुट्टी सजन को
खुशियां लुटाते द्वार को जगमगाएं
आती जब वीरगति प्राप्त सूचना
हिय प्रिय से मिलन को फड़फड़ाए
सिंदूर सुहाग ठगा सा है कंपकंपाता
तिरंगे में लिपटी देशभक्ति गुण गाए।
धीरेन्द्र सिंह
20.07.2024
07.14
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