भावनाएं रंगमयी मन में सुलह कई
कामनाएं सुरमयी तन में सुबह नई
जीवन पथ पर कर्म के कई छाप
कदम सक्रिय रहें सदा राहें नाप
स्वास्थ्य चुनौतियां टीस पुरानी, नई
कामनाएं सुरमयी तन में सुबह नई
सांस अथक दौड़, आस सार्थक तौर
स्वयं से अपरिचित, अन्य कहीं गौर
जीवन असुलझते तो गुत्थमगुत्था भई
कामनाएं सुरमयी तन में सुबह नई
आवारगी की मौज में तमन्नाएं फ़ौज
अभिलाषाएं करें निर्मित नित नए हौज
डुबकियाँ में तरंगों की मस्त हुड़दंगई
कामनाएं सुरमयी तन में सुबह नई।
धीरेन्द्र सिंह
20.10.2023
18.12
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