व्यक्ति में यदि भाव हैं तो लगे सुघड़
वरना तो सभी जी लेते अक्सर थोड़े-थोड़े
शब्दों को चाहिए सुनार की सी चोट
भावों का आभूषण कला को हो निचोड़े
अभिव्यक्ति हृदय को कर दे आंदोलित
वरना तो सभी लिखते हैं एहसास तोड़े-मोड़े।
धीरेन्द्र सिंह
महज पत्थर पर तो चलते हैं हथौड़े
अनुभूति का अंदाज़ हो तो लगे जांबाजवरना तो सभी जी लेते अक्सर थोड़े-थोड़े
शब्दों को चाहिए सुनार की सी चोट
भावों का आभूषण कला को हो निचोड़े
अभिव्यक्ति हृदय को कर दे आंदोलित
वरना तो सभी लिखते हैं एहसास तोड़े-मोड़े।
धीरेन्द्र सिंह
बढ़िया है
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