शनिवार, 17 जून 2017

मेरी प्रीत अर्चना की नीर हो गयी
तेरी रीत प्रीत की प्राचीर हो गयी
मेरी भावनाएं लहरों में है हुंकारे
मोहब्बत की तालीम बन ज़मीर हो गयी

प्यार की गहराईयों का अभिव्यक्तियाँ
तेरे इजहार को पाकर अमीर हो गयीं
हर बार लगे प्यार का है मुगालता मुझे
हर रोज तेरा प्यार मेरी तकदीर हो गयी

ज़िन्दगी मखमली एहसास में ढले हमेशा
बंदगी प्यार की इंसानियत की खीर हो गयी
हर चुनौतियां लगे हो जाएंगी हल यूं ही
तू क्या मिली ज़िन्दगी बाहुबली सा अधीर हो गयी

मिलते हैं कटप्पा कई राह -ए-,ज़िन्दगी मैं
देवसना सी तू ज़िन्दगी की गुलाल-अबीर हो गयी
तेरे प्यार में हो गया विशिष्ट, निराला व्यक्तित्व
अपघात का भय कैसा तू मेरी तीर हो गयी।

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