मंगलवार, 2 सितंबर 2025

अभियुक्त

 अभियुक्त


समूह में होकर भी समूह से ना मैं संयुक्त

जुड़ाव भूलकर कह उठे मुझे अभियुक्त


हिंदी जगत के जंगल का हूँ एकल राही

दायित्व भाषा साहित्य का उसका संवाही

स्व विवेक ने मुझे स्वकर्म हेतु किया नियुक्त

जुड़ाव भूलकर कह उठे मुझे अभिभूत


आग्रह था, मंच नाम रचना शीर्षक लिखें

छवि अपनी भी लगाएं, भूल रचना हदें

भाषा साहित्य संवरण में क्या यह उपयुक्त

जुड़ाव भूलकर कह उठे मुझे अभियुक्त


जरा सी बात पर हिंदी लगा है तिलमिलाई

त्यजन कर बढ़ा वहां कुछ कहें है ढिठाई

हिंदी विधाओं का संवर्धन करें अब संयुक्त

जुड़ाव भूलकर कह उठे मुझे अभियुक्त।


धीरेन्द्र सिंह

02.09.2025

18.31