अभियुक्त
समूह में होकर भी समूह से ना मैं संयुक्त
जुड़ाव भूलकर कह उठे मुझे अभियुक्त
हिंदी जगत के जंगल का हूँ एकल राही
दायित्व भाषा साहित्य का उसका संवाही
स्व विवेक ने मुझे स्वकर्म हेतु किया नियुक्त
जुड़ाव भूलकर कह उठे मुझे अभिभूत
आग्रह था, मंच नाम रचना शीर्षक लिखें
छवि अपनी भी लगाएं, भूल रचना हदें
भाषा साहित्य संवरण में क्या यह उपयुक्त
जुड़ाव भूलकर कह उठे मुझे अभियुक्त
जरा सी बात पर हिंदी लगा है तिलमिलाई
त्यजन कर बढ़ा वहां कुछ कहें है ढिठाई
हिंदी विधाओं का संवर्धन करें अब संयुक्त
जुड़ाव भूलकर कह उठे मुझे अभियुक्त।
धीरेन्द्र सिंह
02.09.2025
18.31