तुम कहाँ हो लिए व्यथित हृदय
कौन है अब धड़कन बना प्रिए
तृषित अधर नमक चखें समर्थित
बतलाओगी संख्या कितनी व्यथित
अनुराग विस्फोटन को लिए दिए
कौन है अब धड़कन बना प्रिए
वर्ष कई बीत गए हुए हम विलग
न जाने कौन सी जलाई अलख
ईश्वर से प्रार्थना सुखी वह जिएं
कौन है अब धड़कन बना प्रिए
आधार प्यार का मन संचेतना है
प्रमुख मिटाता वह अन्य वेदना है
प्रणय कुछ नहीं कैसे उल्लासपूर्ण जिए
कौन है अब धड़कन बना प्रिए।
धीरेन्द्र सिंह
17.08.2025
22.43