कनखियों से गोपी भाव धमाल है
माखन चोरी में अब कहाँ ताल है
दही-हांडी महाराष्ट्र का एक स्वरूप
धनवर्षा मुंबई में कृष्णोत्सव ढाल है
गोविंदा की निकलती हैं कई टोलियां
एकदूजे के कांधे पर चढ़ना कमाल है
शारीरिक सौष्ठव संतुलन का उत्सव
"गोविंदा आला रे" संगीत ताल है
अब तो युवतियों की भी गोविंदा टोली
बहुत ऊंचाई तक जाना खयाल है
गोपियाँ भी कान्हा की तरह माखनचोर
मुम्बई में कृष्ण जन्माष्टमी द्रुतताल है।
धीरेन्द्र सिंह
16.08.2025
07.14