बुधवार, 30 जुलाई 2025

रीता है

 सब लोग कहें कुशल-मंगल सब बीता है

कौन जाने किसके जीवन में क्या रीता है


सभी प्रयास सभी सावधानियां नियमावली

बढ़ते कदम अथक पर घुमाती रही वही गली

कभी कर्म कभी भाग्य कहीं प्रारब्ध लीला है

कौन जाने किसके जीवन में क्या रीता है


कर्म के मर्म को समझ धर्म निरखें नर्म-गर्म

भाग्य के भाष्य में साक्ष्य के पथ्य पार्श्व कर्म

कर्मवाद भाग्यवाद बहुविवाद कौन जीता है

कौन जाने किसके जीवन में क्या रीता है


हर व्यक्ति कर भक्ति किसी नशे से कर आसक्ति

शालीन कोई अशालीन नशे से चाहे दर्द मुक्ति

शिष्ट और अशिष्ट व्यक्ति परिस्थितियों का छींटा है

कौन जाने किसके जीवन में  क्या रीता है।


धीरेन्द्र सिंह

30.07.2025

21.18