मैंने नभ को छोड़ दिया बुतखाने में
वायरस संक्रमण मिले इस जमाने में
सूर्य रश्मियां छू न सकें अभिलाषी
जीव-जंतु सब ऊष्मा के हैं प्रत्याशी
धरती बदल रही जाने-अनजाने में
वायरस संक्रमण मिले इस जमाने में
पत्ते धूल धूसरित भारयुक्त भरमाए
कैसे हो स्पंदित जग पवन चलाएं
आरी और कुल्हाड़ी उलझे कट जाने में
वायरस संक्रमण मिले इस जमाने में
उद्योग जगत में भी दिखे मनमानी
यहां-वहां, गंगा में छोड़ें दूषित पानी
माँ गंगा को कर प्रणाम आचमन गाने में
वायरस संक्रमण मिले इस जमाने में
दिन में पैदल चलना भी एक साहस है
वायु, वाहन, व्यग्रता से सब आहत हैं
क्या जाएगा बदल ऐसा लिख जाने में
वायरस संक्रमण मिले इस जमाने में।
धीरेन्द्र सिंह
04.11.2023
13.08