बुधवार, 27 दिसंबर 2023

गुजरिया

 भाग्य के भंवर में प्यार की नगरिया

मोहें पाश बांध ले राह की गुजरिया


दिल दिलदार यह हो रहा है असरदार 

मिल एक ठाँह भाव युग्म हो रसधार

कहीं छांव बैठ बचाकर जग नजरिया

मोहें पाश बांध ले राह की गुजरिया


भावकलश में गंगाजल की हैं हिलोरें

अर्चना की प्रीत में संग गीत डुबो रे

पावनी अनुभूतियों संग चाह की बदरिया

मोहें पाश बांध ले राह की गुजरिया


परिचय अपरिचय संपर्क से होते तय

भावनाएं मिल गईं तो प्यार हो निर्भय

प्रणय की फुहार में श्रृंगार की रसबतिया

मोहें पाश बांध लें राह की गुजरिया।


धीरेन्द्र सिंह

27.12.20२3


09.16

पुणे

मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

मिलती हो

 तुम मुझे हवा की नमी में कहीं मिलती हो

तब कहीं फूल सी हृदय खिली मिलती हो


एक धर्म जिसका एक सा कर्म लिए प्रसार

एक लक्ष्य सबका एक सा प्यार लिए संसार

भाव मिलन के अनंत वितान में उड़ती हो

तब कहीं फूल सी हृदय खिली मिलती हो


मंद हवा शीतलता भरकर गली- गली में दौड़े

आनंद छुवा कृत्रिमता हरकर हिली-मिली कोड़े

परिवेश पहनकर मौसम बन उन्मुक्त विचरित हो

तब कहीं फूल सी हृदय खिली मिलती हो


जब छूना छू लेती हो धरा गगन के रूप

मन अंधियारा जब छाए याद तुम्हारी धूप

कुनकुनी ऊष्मा उल्लसित छत द्वार सजती हो

तब कहीं फूल सी हृदय खिली मिलती हो।


धीरेन्द्र सिंह

26.12.2023


गुरुवार, 21 दिसंबर 2023

मुक्ति

 गज़ब है गवैया अजब है खेवैया

समझे तो मुक्ति वरना मैया-मैया


एक देता सुर का अपना ही तान

संगीतज्ञ उलझे सुन यह कैसा ज्ञान

करें साजिंदे मिल ता, ता थैया

समझे तो मुक्ति वरना मैया-मैया


सुर को कतर दें संगीत का ज्ञान

आरोह-अवरोह में मद्धम का मिलान

अनगढ़ सुर ले ढूंढते कुशल गवैया

समझे तो मुक्ति वरना मैया-मैया


कम्प्यूटर में सम्मिलित सुर भंडार है

गुरु ज्ञान बिन सुर में लगे डकार है

सुनना हो सुनो नहीं और बहन-भैया


समझे तो मुक्ति वरना मैया-मैया।


धीरेन्द्र सिंह

21.12.2023

14.10