कड़वाहट भरे शब्द से दिया धिक्कार
"समय नहीं मिला" था उनका प्रतिकार
लंबा लिख अंग्रेजी में हम कुपित हो गए
"सॉरी" अंग्रेजी में लिख वह चुप हो गए
बैठा था अंधड़ था लड़खड़ाते कई विचार
"खेद पहुंचाना उद्देश्य न था" आंग्ल विचार
मेरे समर्पण मेरी गहनता से क्यों खेल गए
"एक्सीडेंट कल हुआ था" सहज बोल गए
यह नारी किस क्यारी की निर्मित प्रकार
समझें भी तो कैसे युग करता रहा विचार
मेरी उग्रता का वह गहन शमन कर गए
कुछ शब्द नहीं निकला ऐसे वह ढह गए
एक पीड़ा भाव क्रीड़ा सांस पश्चाताप हुंकार
नारीत्व विशालता समक्ष पुरुषत्व लगे कचनार
ईश्वर से प्रार्थना उन्हें कर स्वस्थ करें नए
करबद्ध क्षमायाचना हम यह क्या कर गए।
धीरेन्द्र सिंह
25.07.2025
14.44